कोरियाना शिव मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई अनंत चतुर्दशी

 कोरियाना शिव मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई अनंत चतुर्दशी

गोड्डा बसंतराय प्रखंड क्षेत्र के कई मंदिरों और घरों में शनिवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ विभिन्न शिवालयों मंदिरों में जुटी रही।भक्तों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भगवान विष्णु और भगवान शिव से आशीर्वाद की कामना की।बसंतराय स्थित महादेव मंदिर, मोकलचक स्थित मोकलचक धाम एवं क्षेत्र के सभी गांव के शिव मंदिर सहित अन्य जगहों पर विशेष पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर गायत्री परिवार के द्वारा कोरियना शिव मंदिर में विधिविधान से पूजा कराई। और बताया कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।इस दिन अनंत सूत्र भी बांधा जाता है।पुरुष इसे अपने बाएं हाथ में और महिलाएं दाएं हाथ में बांधती हैं।मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज और विवाद जैसी परेशानियां समाप्त होती हैं तथा सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।उन्होंने बताया कि इस पर्व का महत्व महाभारत काल से जुड़ा है। मान्यता है कि जब युधिष्ठिर दुखी थे तो भगवान विष्णु ने उन्हें अनंत सूत्र धारण करने का उपाय बताया था, तभी से यह परंपरा चली आ रही है।गौरतलब है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन भी किया जाता है।10 दिन तक चलने वाले गणपति उत्सव का समापन इसी दिन होता है। इस अवसर पर पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना रहा।हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ विभिन्न शिवालयों और विष्णु मंदिरों में जुटी रही।भक्तों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भगवान विष्णु और भगवान शिव से आशीर्वाद की कामना की। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।इस दिन अनंत सूत्र भी बांधा जाता है।पुरुष इसे अपने बाएं हाथ में और महिलाएं दाएं हाथ में बांधती हैं।मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज और विवाद जैसी परेशानियां समाप्त होती हैं तथा सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।उन्होंने बताया कि इस पर्व का महत्व महाभारत काल से जुड़ा है। मान्यता है कि जब युधिष्ठिर दुखी थे तो भगवान विष्णु ने उन्हें अनंत सूत्र धारण करने का उपाय बताया था, तभी से यह परंपरा चली आ रही है।गौरतलब है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन भी किया जाता है।10 दिन तक चलने वाले गणपति उत्सव का समापन इसी दिन होता है। इस अवसर पर पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना रहा।





✍🏻 दिवाकर कुमार शर्मा

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